शीघ्र विवाह के लिए सरल एवं आसान ज्योतिषीय उपाय एवम वास्तु टिप्स


ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्रीके अनुसार कई बार ये रूकावट बाहरी बाधाओं की वजह से भी आती हैं.
उम्र लगातार बढती जाती है और लाख प्रयास के बाद भी रिश्ते बन नहीं पाते हैं या मनचाहे रिश्तों का तो जैसे अकाल ही पड़ जाता है । इस प्रकार की स्थिति होने पर शीघ्र विवाह के उपाय करने में समझदारी रहती है. इन उपाय को करने से शीघ्र विवाह के मार्ग बनते है, तथा विवाह मार्ग की समस्त बाधाएं दूर होती है|

जन्म कुंडली में जब विवाह भाव का स्वामी ग्रह जिस समय गोचर में अस्त या वक्री हो, उस समय विवाह की बातचीत नहीं करनी चाहिए। ऐसे समय में विवाह तय होने की संभावना निर्बल रहती है।

गोचर में जब विवाह भाव का स्वामी बली हो, उस समय विवाह की बातचीत करने से सकारात्मक परिण् ााम सामने आते हैं। यदि शनि ग्रह के विवाह भाव में होने के कारण या उस पर शनि की दृष्टि के कारण विलंब हो रहा हो तो कन्या को शनिवार को कड़वे तेल में अपनी परछाईं देखकर तेल दान करना चाहिए। यह प्रयोग सात शनिवार को निंरतर करना चाहिए।

ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की सर्वप्रथम जन्मकुंडली का सूक्ष्म अध्ययन कर यह पता
लगाना चाहिए कि व्यक्ति के विवाह कराने में कौन सा ग्रह मुख्य रूप से उत्तरादायी है। उस ग्रह पर किन शुभ एवं अशुभ ग्रहों का प्रभाव है। अशुभ ग्रहों के प्रभावों को समाप्त करने के लिए अशुभ ग्रहों से संबंधित दान लड़के
या लड़की के हाथ से कराना चाहिए। विवाह में विलंब में शनि की प्रमुख भूमिका होती है। अतः शनि का उपाय करने से भी शीघ्र विवाह की स्थितियां बनती हैं। इस लेख में कुछ ऐसे ही अचूक प्रयोगों का विवरण दिया जा
रहा है जिनकी सहायता से शीघ्र विवाह की स्थितियां बनती हैं ।
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जानिए शीघ्र विवाह हेतु आपकी राशि अनुसार किस रंग के वस्त्र धारण से होगा लाभ--
-----मेष राशि के लोगों को विवाह की वार्ता के समय लाल या गुलाबी रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए।
-----वृष राशि के लोगों को विवाह वार्ता के समय हल्के रंग के वस्त्र तथा चमकीले आभूषण पहनने चाहिए। यदि कोई नया वस्त्र धारण किया जाए तो भी अच्छा रहेगा।
-----मिथुन राशि के लोगों को विवाह वार्ता के समय हरे रंग के वस्त्र तथा पारंपरिक पोशाक ही पहननी चाहिए। कोई नया वस्त्र धारण नहीं करना चाहिए। 
----- कर्क राशि के लोगों को विवाह वार्ता के समय सफेद रंग का कोई वस्त्र अवश्य पहनना चाहिए। वस्त्र
नया एवं चमकीला नहीं होना चाहिए।
----- सिंह राशि के लोगों को विवाह वार्ता के समय हल्के गुलाबी या हल्के हरे रंग के
वस्त्रों का उपयोग करना चाहिए।
----- कन्या राशि के लोगों को विवाह वार्ता के समय हरे, सफेद एवं सौम्य रंग के
वस्त्र धारण करने चाहिए।
-----तुला राशि के लोगों को विवाह वार्ता के समय नये वस्त्र धारण करने चाहिए। उन्हें सफेद, गुलाबी एवं
पीले रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए।
-----वृश्चिक राशि के लोगों के लिए विवाह वार्ता के समय लाल रंग के वस्त्र धारण करना शुभ
होता है।
-----धनु राशि के लोगों के लिए विवाह वार्ता के समय पीले रंग के वस्त्र धारण करना शुभ होता है।
-----मकर राशि के लोगों के लिए विवाह वार्ता के समय आसमानी एवं कुछ नीले रंग के वस्त्र
पहनना शुभ होता है।
---- कुंभ राशि के लोगों के लिए विवाह वार्ता के समय बैंगनी या गहरे नीले रंग की पोशाक पहनना शुभ होता है।
----मीन राशि के लोगों के लिए विवाह वार्ता के समय पीले रंग की पोशाक पहनना शुभ है। विवाह वार्ता के समय जब वर पक्ष के लोग कन्या को और कन्या पक्ष के लोग वर को देखने के लिए जाएं, तब वर और कन्या दोनों को ही अपने वस्त्राभूषणों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्हें अपनी राशि से संबंधित शुभ रंग के वस्त्र पहनने चाहिए। विवाह वार्ता के स्थान का चयन करने के लिए जन्मकुंडली के सातवंे भाव में स्थित राशि की प्रकृति का अध्ययन करना चाहिए।
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जानिए ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री से कुछ आसान किन्तु अचूक वास्तु टिप्स /टोटके/उपाय जिनको
सच्चे मन से करने से वर एवं कन्या दोनों को ही निश्चित रूप से मनवांछित लाभ प्राप्त होगा ।

--- शीघ्र विवाह के लिए सोमवार को 1200 ग्राम चने की दाल व सवा लीटर कच्चे दूध का दान करें ।
यह प्रयोग तब तक करते रहना है जब तक कि विवाह न हो जाय ।
----- कन्या जब किसी कन्या के विवाह में जाये और यदि वहाँ पर दुल्हन को मेहँदी लग रही
हो तो अविवाहित कन्या कुछ मेहँदी उस दुल्हन के हाथ से लगवा ले इससे विवाह का मार्ग शीघ्र प्रशस्त होता है ।
----- यदि मंगल दोष के कारण (मंगली होने पर )किसी भी लड़के या लड़की के विवाह में विलंब
हो रहा हो तो उसके कमरे के दरवाजे का रंग लाल अथवा गुलाबी रंग का रखना चाहिए।
----- मंगलवार के दिन एक सूखे नारियल में छेद करके उसमें पाँच मेवे और थोड़ी पिसी हुई चीनी मिलाकर उसे पीपल के पेड़ के नीचे दबा दें । इससे विवाह में आने वाली समस्त अड़चने दूर होने लगती है ।
---- शीघ्र विवाह के लिए विवाह योग्य जातक को लगातार 7 गुरुवार तक बछड़े वाली गाय को अपने हाथो से चारा / भोजन कराना चाहिए ।
----- यदि किसी युवक के विवाह में विलम्ब हो रहा है, वह 21 मंगलवार को संध्या के समय किसी भी हनुमान मन्दिर में जाकर उनके माथे से थोडा सा सिंदूर लेकर उसी मन्दिर में राम-सीता की मृर्ति के चरणों
में लगा दें और उनसे शीघ्र विवाह कराने हेतु निवेदन करें। इस उपाय को करने से शीघ्र ही गुणवान कन्या से विवाह के योग प्रबल बनते है ।

-----यदि आपको प्रेम विवाह में अडचने आ रही हैं तो यह उपाय/टोटका शुक्ल पक्ष के गुरूवार से शुरू करके
विष्णु और लक्ष्मी मां की मूर्ती या फोटो के आगे “ऊं लक्ष्मी नारायणाय नमः” मंत्र का रोज़ तीन माला जाप
स्फटिक माला पर करें ! इसे शुक्ल पक्ष के गुरूवार से ही शुरू करें ! तीन महीने तक हर गुरूवार को मंदिर में
प्रशाद चढांए और विवाह की सफलता के लिए प्रार्थना करें !
-------शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार को सात केले, सात गौ ग्राम गुड़ और एक नारियल लेकर किसी नदी या सरोवर पर जाएं। अब कन्या को वस्त्र सहित नदी के जल में स्नान कराकर उसके ऊपर से जटा वाला नारियल ऊसारकर नदी में प्रवाहित कर दें। इसके बाद थोड़ा गुड़ व एक केला चंद्रदेव के नाम पर व इतनी ही सामग्री सूर्यदेव के नाम पर नदी के किनारे रखकर उन्हें प्रणाम कर लें। थोड़े से गुड़ को प्रसाद के रूप में कन्या स्वयं खाएं और शेष सामग्री को गाय को खिला दें। इस टोटके से कन्या का विवाह शीघ्र ही हो जाएगा।
------शादी वाले दिन से एक दिन पहले एक ईंट के ऊपर कोयले से “बाधायें” लिखकर ईंट को उल्टा करके किसी सुरक्षित स्थान पर रख दीजिये,और शादी के बाद उस ईंट को उठाकर किसी पानी वाले स्थान पर डाल कर
ऊपर से कुछ खाने का सामान डाल दीजिये, विवाह के समय और विवाह के बाद में वर/वधु के दाम्पत्य जीवन में बाधायें नहीं आयेंगी, यह काम वर – वधु या उनके घर का कोई भी सदस्य कर सकता है लेकिन यह काम बिल्कुल चुपचाप करना चाहिए ।
----- विवाह वार्ता के लिए घर आए अतिथियों को इस प्रकार बैठाएं कि उनका मुख घर में अंदर की ओर हो, उन्हें बाहरी द्वार दिखाई न दे ।
----- विवाह योग्य युवक-युवती जिस पलंग पर सोते हों उसके नीचे लोहे की वस्तुएं या
कबाड़ का सामान कभी भी नहीं रखना चाहिए ।
----- यदि विवाह के पूर्व लड़का-लड़की मिलना चाहें तो वह इस प्रकार बैठे कि उनका मुख दक्षिण दिशा की ओर न हो ।
----- कन्या सफेद खरगोश को पाले तथा अपने हाथ से उसे भोजन के रूप में कुछ दे ।
----- कन्या के विवाह की चर्चा करने उसके घर के लोग जब भी किसी के यहाँ जायें तो कन्या खुले बालों से, लाल वस्त्र धारण कर हँसते हुए उन्हें कोई मिष्ठान खिला कर विदा करे । विवाह की चर्चा सफल
होगी ।
----- किसी भी पूर्णिमा के दिन युवक/युवती द्वारा वट वृक्ष की १०८ परिक्रमा देने से भी विवाह बाधा दूर होती है।
----- गुरूवार को वट वृक्ष, पीपल, केले के वृक्ष पर जल अर्पित करने से विवाह बाधा दूर होती
है|
-------ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की बृहस्पति को देवताओं का गुरु माना जाता है इनकी पूजा से विवाह के मार्ग में आ रही सभी अड़चनें स्वत: ही समाप्त हो जाती हैं। इनकी पूजा के लिए गुरुवार का विशेष महत्व है। गुरुवार को बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए पीले रंग की वस्तुएं चढ़ानी चाहिए। पीले रंग की वस्तुएं जैसे हल्दी, पीला फल, पीले रंग का वस्त्र, पीले फूल, केला, चने की दाल आदि इसी तरह की वस्तुएं गुरु ग्रह को चढ़ानी चाहिए। साथ ही शीघ्र विवाह की इच्छा रखने वाले युवाओं को गुरुवार के दिन व्रत रखना चाहिए।

इस व्रत में खाने में पीले रंग का खाना ही खाएं, जैसे चने की दाल, पीले फल, केले खाने चाहिए। इस दिन व्रत करने वाले को पीले रंग के वस्त्र ही पहनने चाहिए।

ॐ ग्रां ग्रीं ग्रों स: गुरूवे नम: ॥ मंत्र का पांच माला प्रति गुरुवार जप करें।

------इस विशेष मन्त्र के जाप/उपयोग से भी खुलते हैं विवाह बाधा के मार्ग-- (किसी अनुभवी /योग्य /जानकार
के मार्गदर्शन में ही इसका प्रयोग करें।)

मन्त्र---
गौरी आवे ,शिव जो ब्यावे.अमुक का विवाह तुरंत सिद्ध करेँ,
देर ना करेँ, जो देर होए , तो शिव को त्रिशूल पड़े,
गुरु गोरखनाथ की दुहाई फिरै ।।

अमुक के स्थान पर जिस कन्या/लड़की का विवाह न हो रहा हो उसका नाम लिख सकते है !

----ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्रीके अनुसार जिन जातक /व्यक्तियों की विवाह की आयु हो चुकी है
परन्तु फिर भी किसी ना किसी कारणवश विवाह होने में बाधा आ रही है ऐसे जातक शुक्रवार की रात्रि में आठ छुआरे जल में उबाल कर उस जल के साथ ही अपने सोने वाले स्थान पर अपने सिरहाने रख कर सोयें तथा शनिवार को सुबह सवेरे स्नान करने के बाद किसी भी बहते जल में अपनी शीघ्र विवाह के लिए कामना करते हुए
इन्हें प्रवाहित कर दें। विवाह में आने वाली समस्त बाधाएं शांत होंगी शीघ्र विवाह के योग बनेगें
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जानिए आपके लग्न अनुसार किन स्थान का चयन करने से होगा आपका शीघ्र विवाह--
ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्रीके अनुसार मेषादि विभिन्न लग्नों के लोगों के लिए विवाह वार्ता
हेतु कौन सा स्थान अधिक उपयुक्त होगा इसका विवरण नीचे दिया जा रहा है---
मेष लग्न: विवाह के घर में तुला राशि होने के कारण इस लग्न के लोगों को विवाह वार्ता के लिए किसी पर्यटन
या मनोरंजन स्थल का चयन करना चाहिए। किसी रिश्तेदार का साफ सुथरा घर भी ठीक रहेगा।
वृष लग्न: विवाह के घर में वृश्चिक राशि होने के कारण इन्हें विवाह वार्ता के लिए किसी होटल, गेस्ट हाउस या
किसी अन्य भवन का चयन करना चाहिए।
मिथुन लग्न: विवाह के घर में धनु राशि होने के कारण इस लग्न के लोगों को विवाह वार्ता के लिए किसी मंदिर या धर्मस्थल का चयन करना चाहिए।
कर्क लग्न: विवाह के घर में मकर राशि होने के कारण इन्हें विवाह वार्ता के लिए किसी प्राचीन भवन का चयन
करना चाहिए।
सिंह लग्न: विवाह के घर में कुंभ राशि होने के कारण इन्हें विवाह वार्ता के लिए किसी प्रसिद्ध और प्राचीन स्थान का चयन करना चाहिए।
कन्या लग्न: विवाह के घर में मीन राशि होने के कारण इन्हें विवाह वार्ता के लिए किसी मंदिर या धर्मस्थान का
चयन करना चाहिए।
तुला लग्न: विवाह के घर में मेष राशि के होने के कारण इनके लिए विवाह वार्ता के लिए किसी कुंटुंबी जन का घर उपयुक्त रहेगा। इसके अतिरिक्त किसी होटल, गेस्ट हाउस या धर्मशाला का चयन कर सकते हैं।
वृश्चिक लग्न: विवाह के घर में वृष राशि होने के कारण इस लग्न के लोगों को विवाह वार्ता के लिए किसी मनोरंजन स्थल, पार्क या पर्यटन स्थल का चयन करना चाहिए।
धनु लग्न: विवाह के घर में मिथुन राशि होने के कारण इन्हें विवाह वार्ता के लिए किसी प्राकृतिक सौंदर्य
युक्त स्थान जैसे बाग, बगीचे या हरे भरे स्थान का चयन करना चाहिए।
मकर लग्न: विवाह के घर में कर्क राशि होने के कारण इन्हें विवाह वार्ता के लिए किसी नदी या तालाब के समीप
किसी स्थान का चयन करना चाहिए।
कुंभ लग्न: विवाह के घर में सिंह राशि होने के कारण इस राशि के लोगों को विवाह वार्ता के लिए किसी प्रसिद्ध एवं प्रतिष्ठित स्थान का चयन करना चाहिए। मीन लग्न: विवाह के घर में कन्या राशि होने के काण इनके
लिए विवाह वार्ता के लिए किसी प्राकृतिक सौंदर्य युक्त स्थान या किसी मित्र अथवा रिश्तेदार का घर
उपयुक्त रहेगा।

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