अगले 4 महीनों में ~30K से नीचे नहीं जाएगा गोल्ड!

इंडियन इनवेस्टर्स इक्विटी और गोल्ड के अट्रैक्शन के बीच दुविधा में फंस गए हैं। इक्विटी मार्केट में चालू बुल रन को देखते हुए गोल्ड से कुछ इनवेस्टमेंट निकलकर वहां जा सकता है। हालांकि एनालिस्टों और मार्केट पार्टिसिपेंट्स को लगता है कि इक्विटी मार्केट में प्रॉफिट बुकिंग शुरू होने पर इनवेस्टर्स गोल्ड पर टूट पड़ेंगे। गोल्ड का आउटलुक स्ट्रॉन्ग बना हुआ है और अगले चार महीनों में तो इसका दाम 30,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से नीचे आने के आसार नहीं हैं।

इंडियन इक्विटी मार्केट में इस साल फरवरी से शुरू बुल मार्केट में निफ्टी 6825 के लो लेवल से बढ़कर अगस्त में 8728 प्वाइंट के हाई पर पहुंच गया। इससे वे इनवेस्टर्स भी मार्केट की तरफ अट्रैक्ट हुए जिन्होंने 2008 के दौरान हुए तेज उतार-चढ़ाव के बाद भी उसकी तरफ रुख नहीं किया था। दूसरी तरफ गोल्ड ने इस साल जोरदार तरीके से वापसी की है। साल की शुरुआत में $1060 प्रति औंस पर ट्रेड कर रहा सोना अब $1320 प्रति औंस के आसपास चल रहा है।

जियोफिन कॉमट्रेड के सीनियर एनालिस्ट हरीश वी ने कहा, 'इंडियन मार्केट में इनवेस्टर्स सोने में पैसा लगाने के लिए उसमें गिरावट आने का इंतजार कर रहे हैं। जैसे ही वह 28000 रुपये प्रति 10 ग्राम से नीचे आएगा, इंडियन इनवेस्टर्स पैसा लगाना शुरू कर देंगे। फिलहाल सोने से ज्यादा इनवेस्टमेंट इक्विटी में आ रहा है।'

सितंबर में अमेरिकी फेड रिजर्व की तरफ रेट हाइक होने के कयासों पर सोने के दाम में गिरावट आई है। 19 अगस्त के बाद से सोने में कमजोरी का रुझान है और मंगलवार को यह और आधा पर्सेंट गिर गया। बाजार के जानकारों ने कहा, 'अमेरिका में नॉन फार्म रोजगार के डेटा शुक्रवार को आएंगे। सोने के भाव पर उसका भी असर होगा।'

सोने का भाव साल की शुरुआत से अब तक लगभग एक चौथाई चढ़ चुका है। इसके बावजूद दूसरे क्वॉर्टर में टोटल इनवेस्टमेंट डिमांड 12 पर्सेंट घटकर 33.1 टन रही जो पिछले फिस्कल के दूसरे क्वॉर्टर में 37.7 टन थी। वैल्यू के मामले में गोल्ड इनवेस्टमेंट की डिमांड 8,980 करोड़ रुपये रही जो पिछले फिस्कल के दूसरे क्वॉर्टर के 9,170 करोड़ रुपये से 2.1 पर्सेंट कम है।

एनालिस्टों का कहना है कि जुलाई में $1375 प्रति औंस का रेट छूने के बाद सोने में पहले ही कंसॉलिडेशन हो चुका है। वे यह भी कह रहे हैं कि दिसंबर से पहले अमेरिकी फेड रिजर्व की तरफ से रेट हाइक होने की संभावना नहीं है। खासतौर पर नवंबर में होनेवाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले तो यह एकदम नहीं होगा।

कार्वी कमोडिटीज के चीफ मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट हिमांशु गुप्ता ने कहा, 'रेट हाइक होता भी है तो उसका नुकसान इंडियन इक्विटी और गोल्ड, दोनों में बराबर होगा। ऐसी सूरत में सोने का दाम इंटरेस्ट रेट से उलटी चाल चलेगा क्योंकि यह हाई इंटरेस्ट वाले माहौल में अश्योर्ड ऊंचा रिटर्न नहीं दे पाएगा।'

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